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Short Story for Children in Hindi: टोपी व्यापारी और नकलची बन्दर की कहानी

Short Story for Children: टोपी व्यापारी और नकलची बन्दर

       एक गांव में एक टोपी बनाने वाला रहता था। वह नई-नई टोपिया बनाता और उन्हें दूर-दूर जाकर गाँवो और शहरो में बेच आता था। उसका काम बहुत ही अच्छा चल रहा था। उसने टोपिया बनाकर तैयार की और उन्हें बेचने के लिए निकल पड़ा। वह रास्ते में चलते-चलते काफी थक गया था तो उसने रूककर आराम करने के बारे में सोचा और इधर-उधर अपनी नज़रो से आराम करने के लिए एक अच्छी जगह देखने लगा। तभी उसकी नज़र एक बड़े आम के पेड़ पर पड़ी। उसने देखा वह पेड़ बहुत बड़ा और सुन्दर था जिस पर फल भी लग रहे थे । उसने वहां उस पेड़ के नीचे आराम करने का मन बना लिया। उसने अपना सारा सामान और अपनी टोपियों की गठिया उस पेड़ के नीचे रखी और आराम करने के लिए लेट गया। 
Short Story for Children in Hindi: टोपी व्यापारी और नकलची बन्दर

        थोड़ी देर बाद, थके होने के कारण उसे नींद आने लगी और वह वही पर सो गया। जब उसकी आंखे खुली तो वह परेशान हो गया क्योकि उसकी टोपिया वहां नहीं थी। उसने इधर-उधर चारो और देखा किन्तु उसे टोपिया नज़र नहीं आयी। वह, पेड़ के नीचे से उठा और बहुत दुःखी होते हुए सोचने लगा कि आखिर मेरी टोपिया कौन ले गया होगा। तभी उसकी नज़र पेड़ पर बैठे बन्दरो पर पड़ी, उसने देखा की सभी ने उसकी टोपिया अपने-अपने सर पर पहन रखी है। वह सोचने लगा कि कैसे अपनी टोपिया उन बंदरो से वापस ली जाये। 
        व्यापारी ने पहले सोचा की उन्हें पत्थरो से मारकर भगा देता हूँ, लेकिन फिर उसने सोचा की ऐसा करने से तो उसकी सारी टोपिया भी बंदरो के साथ ही चली जाएँगी ; अब उसके सामने दो समस्या थी एक तो टोपी बंदरो से वापस कैसे ले और दूसरी यदि बंदरो ने पत्थर मारने पर उसे नुकसान पहुंचाया तो तब वह क्या करेगा। व्यापारी सोचते-सोचते अपने सर को खुजाने लगा तभी उसने देखा की सभी बन्दर भी अपने-अपने सर को खुजा रहे थे। व्यापारी ने बहुत सोच-समझने के बाद एक युक्ति अपनाई, उसे याद आया की बन्दर बहुत नकलची होते है और वे आदमी के कार्यो की नक़ल करते है। उस व्यापारी ने अपनी टोपी अपने सर पर पहनी और जाकर बंदरो को दिखाने लगा। सभी बन्दर उसे ही देख रहे थे। व्यापारी कभी अपनी टोपी को दाये घुमाता तो कभी बाये घुमाता उसे ऐसा करते देख सभी बन्दर भी ऐसा ही करने लगे। व्यापारी कभी अपनी टोपी पहन लेता तो कभी उसे उतार देता था, बन्दर भी उसकी नक़ल बखूबी कर रहे थे। कुछ समय बाद व्यापारी ने गुस्सा करते हुए टोपी को सर से उतारकर जमीन पे फेंक दी। सभी बंदरो ने भी अपनी-अपनी टोपिया अपने-अपने सर से उतारकर जमीन पर फेंक दी। व्यापारी ने थोड़ा इंतज़ार करने के बाद पेड़ के नीचे से अपनी सारी टोपिया इकट्ठा की और वहां से चल पड़ा। 

बच्चों के लिए कहानी से सीख -

1. प्रत्येक मुश्किल कार्य को बहुत ही सोच-विचार से करना चाहिए। 
2. सोच-विचार कर लिए गए निर्णय से हमेशा सफलता प्राप्त होती है। 

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