Short Story for Kids in Hindi : एक जंगल में एक ऊँट और एक सियार रहता था। ऊँट बहुत ही ईमानदार था जबकि सियार बहुत चालाक और शरारती था। ऊँट प्रतिदिन जंगल में आराम से घूमता-फिरता, हरी और मुलायम घास खाता और शांति से रहता था। सियार हमेशा दूसरे जानवरो को परेशान करता और जंगल में हर-दूसरे जानवर के साथ शरारत करता रहता था।
एक दिन सियार जंगल में टहल रहा था तभी उसकी नज़र ऊंट पर पड़ती है, वह सोचता है यह कितना भोला है क्यों न आज इसका बेवकूफ बनाया जाये। सियार तभी ऊंट के पास पहुंचकर कहता है दोस्त तुम कितने ऊँचे और सुन्दर हो क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे। ऊंट कहता है "क्यों नहीं मेरे दोस्त, हम सभी को जंगल में एक-दूसरे के साथ मिलकर रहना चाहिए", ऊंट और सियार में दोस्ती हो जाती है किन्तु ऊंट नहीं जानता है कि सियार उसका फायदा उठाना चाहता था।
सियार तभी ऊंट से कहता है "अब तो हम दोस्त बन गए है क्या तुम मेरे साथ नदी के दूसरी तरफ घूमने चलोगे", ऊंट कहता नहीं दोस्त उस और तो किसानो के खेत है और वहां वह अपने खेतो में अनाज आदि उगाते है। सियार कहता है - चिंता मत करो हम आराम से जाएंगे और घूमकर वापस आ जायेंगे। सियार के ज्यादा कहने पर ऊंट चलने के लिए मान जाता है और वह नदी के दूसरी और सियार को अपनी पीठ पर बैठाकर ले जाता है।
सियार, जो की बहुत शरारती रहता है वह किसान के खेतो में जो मन करता है खाता है और फिर उसे शरारत सूझती है कि अब ऊंट का बेवकूफ बनाते है। सियार जोर-जोर से हू-हू की आवाज़ करने लगता है। ऊंट, सियार से कहता है "आवाज़ मत करो किसान आ जायेंगे और वो हम दोनों को बहुत पीटेंगे" किन्तु सियार नहीं मानता। आवाज़ सुनकर किसान खेतो में आ जाते है उन्हें सियार तो नहीं दिखाई देता क्योकि वह वह छोटा होता है। सियार किसान को देखकर खेतो में छुप जाता है किन्तु ऊंट को किसान देखते ही पीटने लगते है।
ऊंट अपनी जान बचाकर खेतो से बाहर आ जाता है और नदी किनारे आकर सियार का इंतज़ार करने लगता है। सियार तभी वहां आकर ऊंट से कहता है चलो अब जंगल में वापस चलते है। सियार अपने द्वारा की गयी गलती के लिए ऊंट से माफ़ी भी नहीं मांगता है और मन ही मन मुस्कुराता रहता है। ऊंट समझ जाता है कि सियार ने उसकी दोस्ती का फायदा उठाया है।
ऊंट, सियार से कहता है चलो अब जंगल में चलते है। सियार, ऊंट की पीठ पर बैठ जाता है और ऊंट नदी को पार करने लगता है। ऊंट मन ही मन सोचता है क्यों न अब सियार को सबक सिखाया जाये। ऊंट, सियार से कहता है "दोस्त मेरा तो नदी में नहाने का मन कर रहा है। मै तो नदी में डुबकी लगाकर नहाना चाहता हूँ, सियार कहता है नहीं दोस्त ऐसा मत करना वरना मै पानी में डूब जाऊंगा। ऊंट, सियार से कहता है क्या तुमने मेरी बात मानी थी जब मैंने तुमसे जोर-जोर से हू-हू करने को मना किया था। ऊंट जैसे ही पानी में डुबकी लगाता है सियार पानी में डूबने लगता है। ऊंट, सियार से कहता है इसे कहते है "जैसे को तैसा", सियार के माफ़ी मांगने पर ऊंट उसे बचा लेता है।
कहानी से हमे क्या सीख मिलती है
1. जैसा आप दूसरो के साथ करोगे वैसा ही वह आपके साथ करेंगे।
2. अपनी गलती के लिए समय रहते माफ़ी मांग लेनी चाहिए।
#Story #kids #Hindi #कहानी
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Short Story for Kids in Hindi |
सियार तभी ऊंट से कहता है "अब तो हम दोस्त बन गए है क्या तुम मेरे साथ नदी के दूसरी तरफ घूमने चलोगे", ऊंट कहता नहीं दोस्त उस और तो किसानो के खेत है और वहां वह अपने खेतो में अनाज आदि उगाते है। सियार कहता है - चिंता मत करो हम आराम से जाएंगे और घूमकर वापस आ जायेंगे। सियार के ज्यादा कहने पर ऊंट चलने के लिए मान जाता है और वह नदी के दूसरी और सियार को अपनी पीठ पर बैठाकर ले जाता है।
सियार, जो की बहुत शरारती रहता है वह किसान के खेतो में जो मन करता है खाता है और फिर उसे शरारत सूझती है कि अब ऊंट का बेवकूफ बनाते है। सियार जोर-जोर से हू-हू की आवाज़ करने लगता है। ऊंट, सियार से कहता है "आवाज़ मत करो किसान आ जायेंगे और वो हम दोनों को बहुत पीटेंगे" किन्तु सियार नहीं मानता। आवाज़ सुनकर किसान खेतो में आ जाते है उन्हें सियार तो नहीं दिखाई देता क्योकि वह वह छोटा होता है। सियार किसान को देखकर खेतो में छुप जाता है किन्तु ऊंट को किसान देखते ही पीटने लगते है।
ऊंट अपनी जान बचाकर खेतो से बाहर आ जाता है और नदी किनारे आकर सियार का इंतज़ार करने लगता है। सियार तभी वहां आकर ऊंट से कहता है चलो अब जंगल में वापस चलते है। सियार अपने द्वारा की गयी गलती के लिए ऊंट से माफ़ी भी नहीं मांगता है और मन ही मन मुस्कुराता रहता है। ऊंट समझ जाता है कि सियार ने उसकी दोस्ती का फायदा उठाया है।
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हिंदी कहानी |
ऊंट, सियार से कहता है चलो अब जंगल में चलते है। सियार, ऊंट की पीठ पर बैठ जाता है और ऊंट नदी को पार करने लगता है। ऊंट मन ही मन सोचता है क्यों न अब सियार को सबक सिखाया जाये। ऊंट, सियार से कहता है "दोस्त मेरा तो नदी में नहाने का मन कर रहा है। मै तो नदी में डुबकी लगाकर नहाना चाहता हूँ, सियार कहता है नहीं दोस्त ऐसा मत करना वरना मै पानी में डूब जाऊंगा। ऊंट, सियार से कहता है क्या तुमने मेरी बात मानी थी जब मैंने तुमसे जोर-जोर से हू-हू करने को मना किया था। ऊंट जैसे ही पानी में डुबकी लगाता है सियार पानी में डूबने लगता है। ऊंट, सियार से कहता है इसे कहते है "जैसे को तैसा", सियार के माफ़ी मांगने पर ऊंट उसे बचा लेता है।
कहानी से हमे क्या सीख मिलती है
1. जैसा आप दूसरो के साथ करोगे वैसा ही वह आपके साथ करेंगे।
2. अपनी गलती के लिए समय रहते माफ़ी मांग लेनी चाहिए।
#Story #kids #Hindi #कहानी
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