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शेर और चूहे की दोस्ती की कहानी Story in Hindi for Kids

शेर और चूहे की दोस्ती की कहानी 

एक जंगल में एक शेर और एक चूहा रहता था। चूहा बहुत ही शरारती था और वह हमेशा शरारत करता रहता था। एक दिन शेर अपनी गुफा के बाहर सो रहा था तभी चूहा उस जगह से गुजर रहा था, उसने देखा कि शेर सो रहा है क्यों न थोड़ी शरारत की जाये। चूहे ने शेर की पूंछ की ओर से चढ़ना शुरू किया और शेर के ऊपर चढ़कर बहुत खुश होते हुआ बोला, "देखो जंगल के लोगो मै शेर की सवारी कर रहा हूँ।" लेकिन उस समय उसके आस - पास कोई नहीं था। 

चूहे ने थोड़ी देर बाद सोचा क्यों न शेर के चेहरे की और चला जाये। चूहा थोड़ा - थोड़ा चलकर शेर की गर्दन से होते हुए शेर के चेहरे तक पहुंच गया। अचानक तभी शेर की नींद खुल गयी और उसने चूहे को अपने बड़े पंजे में पकड़ लिया। शेर, चूहे से बोला, "तुमने मेरी इज्जत ख़राब की है, तुम्हारी इस गलती के लिए मै तुम्हे मार डालूंगा।" चूहे ने शेर से माफ़ी मांगते हुए कहा, "राजा जी मुझे मेरी गलती के लिए माफ़ कर दीजिये, मै आपसे वादा करता हूँ- समय आने पर मै आपकी सहायता अवश्य करूँगा।"

शेर और चूहे की दोस्ती की कहानी Story in Hindi for Kids
Story in Hindi for Kids 

शेर ने चूहे से कहा, "तुम भला मेरी क्या मदद कर सकते हो, मै तो इस जंगल का राजा हूँ और तुम कितने छोटे हो, जाओ मैने तुम्हे माफ़ किया, अब यहाँ से चले जाओ।" चूहे ने शेर को धन्यवाद कहा और वहां से चला गया। एक दिन शेर एक शिकारी के जाल में फंस गया और अपने आप को छुड़ाने की कोशिश करने लगा किन्तु वह जाल को नहीं काट पाया, तभी चूहा वहा पहुंच गया और उसने अपने तेज दांतो से शेर के जाल को काटकर शेर को आज़ाद करा दिया। शेर ने चूहे का धन्यवाद किया और चूहे से अपना दोस्त बनने को कहा। चूहे ने शेर से दोस्ती कर ली और दोनों हमेशा अच्छे दोस्त बनकर रहे। 

बच्चो के लिए कहानी से सीख 

1. सभी का इस दुनिया में महत्वपूर्ण स्थान है, किसी का भी जीवन व्यर्थ नहीं है। ईश्वर ने सभी को किसी ना किसी खास कार्य के लिए ही बनाया है। 

2. कभी भी किसी को अपने से छोटा नहीं समझना चाहिए। सभी को कभी न कभी किसी की मदद की आवश्यकता पड़ती ही है।  

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